अच्छा ही हुआ तुम चले ही गए, वैसे भी अब दिल मेरा अपाहिज हो चुका है। अच्छा ही हुआ तुम चले ही गए, वैसे भी अब दिल मेरा अपाहिज हो चुका है।
एक छोटी सी चिंगारी की मानिंद और आज धधक रही हो जैसे जाड़े में कोई अलाव और मैं सुलग रहा हूँ | एक छोटी सी चिंगारी की मानिंद और आज धधक रही हो जैसे जाड़े में कोई अलाव और मैं सुल...
त्रेतायुग से आज तक अर्थात , रामायण काल से अब तक हर काल में सीता देती आई है अग्निप त्रेतायुग से आज तक अर्थात , रामायण काल से अब तक हर काल में सीता दे...
तूफानों से लड़कर आते , पत्थर के प्रहार भी सहते नमन भारत के लाल को जो वारे देश पर शरी तूफानों से लड़कर आते , पत्थर के प्रहार भी सहते नमन भारत के लाल को जो वार...
सिर सहला कर मम्मी बोली सुनो लगाकर ध्यान घर का केवल भोजन करना लो इतना संज्ञान, ये लो सिर सहला कर मम्मी बोली सुनो लगाकर ध्यान घर का केवल भोजन करना लो इतना सं...